बेहतर बनने की इच्छा । Why do we want to progress in Life? Soch Badle Jeevan Badle 1
12 Min•Positive Thought
हर कोई जीवन में आगे बढ़ना और सुधार करना चाहता है। कुछ लोग बाहरी उन्नति की इच्छा रखते हैं, जबकि कुछ आंतरिक विकास को भी समग्र विकास का महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं। लेकिन दोनों ही परिस्थितियों में आगे बढ़ने की चाह स्वाभाविक रूप से मौजूद होती है।
अब प्रश्न उठता है – हम प्रगति क्यों करना चाहते हैं? वेद इस प्रश्न का स्पष्ट उत्तर देते हैं। वेदों के अनुसार, भगवान ही सभी गुणों के स्रोत हैं और अनंत सद्गुणों के भंडार हैं। हम भगवान के अंश होने के कारण स्वाभाविक रूप से उतने ही पूर्ण बनना चाहते हैं जितने भगवान हैं। यही असहनीय इच्छा हमें निरंतर लक्ष्य की ओर कार्य करने के लिए प्रेरित करती है।
सफलता की पहली सीढ़ी तब चढ़ी जाती है जब अपने लक्ष्य को पाने की लालसा इतनी प्रबल हो जाती है कि बिना उसे पाए चैन न मिले।
"सोच बदले, जीवन बदले" नामक स्वामी मुकुंदानंद की इस श्रृंखला में व्यक्तिगत विकास को विस्तार से समझाया गया है। इसमें चर्चा की गई है:
हम प्रगति क्यों करना चाहते हैं?
लक्ष्य तक कैसे पहुँचें?
बाहरी और आंतरिक प्रगति में संतुलन।
