क्या गोपियाँ जानती थीं कि श्रीकृष्ण भगवान हैं? गोपी गीत 1/7

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✨ गोपी गीत - गोपियों की आर्त पुकार ✨ "गोपी" शब्द का एक अर्थ है - जो अपनी भक्ति को सदा गोपनीय बनाए रखे। यानी, भगवान श्रीकृष्ण के प्रति ब्रज की गोपियों का प्रेम था, जोकि सर्वोच्च कक्षा में होने के बावजूद भी, अनन्य, निरन्तर और निष्काम था। वे भगवद्प्राप्त महापुरुष थीं, जिन्होंने पिछले जन्मों में अनंत कोटि कल्पों तक भक्ति और दिव्य प्रेम की साधना की थी। इसलिए श्रीकृष्ण के अवतारकाल में उनकी दिव्य लीलाओं में भाग लेने के लिए भूलोक में अवतरित हुईं। इन गोपियों के प्रेम का आधार क्या था? क्यों भगवान ने इन गँवार स्त्रियों से प्रेम किया? क्यों गोपियों की वह स्थिति है, जो महालक्ष्मी को भी प्राप्त नहीं हुई? इस गीत में, गोपियों की आर्त पुकार ने प्रेम और विरह की अद्वितीय भावना को व्यक्त किया है। साथ ही इस महीने, गोपी प्रेम दिवस का आयोजन करते हुए, अपने हृदय में गोपी प्रेम के वास्तविक भावार्थ को अपने मन में धारण कीजिये। गोपियाँ कौन है? गोपियाँ कितनी प्रकार की है? क्या गोपियाँ जानती थीं कि श्रीकृष्ण भगवान हैं? गोपियों ने कात्यानी की पूजा क्यों की थी?