निगेटिव विचार कैसे दूर करें ? Golden Rules 8/21
11 Min•Gratitude
हम मनुष्य अमूमन शिकायत करते हैं कि भगवान ने हमें जीवन में क्या ही दिया है। फिर क्या उसी का ही चिंतन करते रहते हैं और समय बीत जाता है। मेरे पास तो मारुति गाड़ी है और मेरे पड़ोसी के पास तो टोयोटा है। इसी गलत सोच को जड़ से मिटाने के लिए स्वामी मुकुन्दानन्द गोल्डन रूल्स फ़ॉर लिविंग योर बेस्ट लाइफ की इस 21 दिवसीय शृंखला के 8 वें एपिसोड में कृतज्ञता का भाव विकसित करने की सीख देते हैं। वह कहते हैं कि अक्सर लोग हमसे पूछते हैं कि नकारात्मक विचारों से बचने अथवा पॉजिटिव थिंकिंग के लिए हमें क्या मानसिकता अपनानी चाहिए? हम उन्हें भगवान के प्रति कृतज्ञता का भाव का अभ्यास करने की सलाह देते हैं। एक बच्चे का जन्मदिन था तो उसके माता पिता ने घर पर बर्थडे पार्टी का आयोजन किया था। उसके दोस्त भी बधाई देने के साथ उपहार लेकर आये थे। बच्चा एक एक करके उन्हें खोलकर देख रहा था। माता पिता को लगा कि हमारा बच्चा इन उपहारों से बड़ा खुश है। लेकिन बड़े आश्चर्य के साथ उसने कहा मेरे बाकी के उपहार कहा हैं? अब आप कहेंगे यह बच्चा कितना कृतयज्ञ हीन है। पर क्या हम भी ईश्वर के प्रति ऐसी भावना नहीं रखते? भगवान ने हमें जीवन में इतना कुछ दिया है, उसको छोड़कर जो थोड़ा बहुत अभाव है, उसका ही हम शोक मनाते हैं। साथ ही स्वामीजी कहते हैं कि आप एक ग्रेटिट्यूड डायरी लिखने की आदत डालें। जिसमें आप भगवान की उस दिन हुई आप पर कृपाओं के बारे में लिखें और उन्हें अपना आभार व प्रेम प्रकट करें।
