क्या आप उतने सफल हैं जितने हो सकते हैं । Golden Rules 3/21
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अगर हम जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमें हर कार्य को उत्कृष्ट रूप से करना होगा। इसके लिए आवश्यक है कि हम उत्कृष्टता का मनोभाव स्वीकार करें और अपने जीवन को पूर्णतः आनंदमय बनाये। गोल्डन रूल्स फ़ॉर लिविंग योर बेस्ट लाइफ के तीसरे भाग में स्वामी मुकुन्दानन्द उत्कृष्टता का मनोभाव रखने की शिक्षा देते हैं। स्वामी जी इस मनोभाव का उदहारण एक मैनेजर और उसके तीन सेल्समैन की कहानी देकर करते हैं, जो अपने उत्कृष्ट मानसिकता से कामयाबी का स्वाद चखते हैं। स्वामीजी कहते हैं कि जब लोग जानते हैं कि इस मानसिकता के अभ्यास करने से उन्नति की ओर बढ़ा जा सकता है तो क्या कारण है कि लोग इसे अपनाते नहीं? वह कहते हैं कि इसमें मेहनत पड़ती है और अधिकांश लोग इससे दूर भागते हैं। स्वामीजी का कहना है कि आप प्रतीक्षा न करें कि जब आपको जीवन में कुछ बड़ा करने को मिलेगा तब आप उसे उत्कृष्टता से करेंगे। वर्ण छोटी से छोटी चीज़ भी करें तो उसमें पूरा मनोयोग लगा दें। यदि हम इस मानसिकता को विकसित करना चाहते हैं तो अपनी गलतियों के लिए दूसरों को दोष देना बंद करिए और स्वयं ज़िम्मेदारी उठाइये।
