भगवान की माया से कैसे बचें ? | शरणागति का रहस्य - 2/28

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भगवान की माया बहुत बलवान है।इससे पार जाने के लिए हम अनेक उपाय करते हैं।योग, यज्ञ, जप, तप, व्रत, पूजा और जब सब उपाय फेल हो जाते हैं तब हम मायापति भगवान को पुकारते हैं, हे प्रभु ! तेरा ही आसरा। जब भगवान के समर्पित हो जाते हैं, तो वो मायापति, माया को इशारा कर देते हैं बस अब इसको छोड़ दो। भगवान की कृपा पाने हेतु शरणागति अनिवार्य है। इसीलिए शरणागति का तात्पर्य जानना आवश्यक है। शरणागति की आवश्यकता क्योँ है ? उससे किस चीज़ की प्राप्ति होती है ? एवं शरणागत होने का क्या उपाय है ? 'शरणागति का रहस्य' नामक इस नई प्रवचन श्रृंखला में हम इन सब प्रश्नों का उत्तर समझेंगे ।