कृतज्ञता का भाव | शरणागति का रहस्य - 7/28

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जब भगवान हमें सुख देते हैं, सफलता देते हैं, सुस्वास्थ देते हैं तब तो कोई complain नहीं करता। उन्होंने मेरे साथ ऐसा क्यों किया ? किंतु जहाँ अपने ही कर्म के अनुसार भगवान हमको थोड़ा दुःख इत्यादि भेजते हैं, तो वहाँ पर हम तुरंत लाल झंडा खड़ा कर देते हैं। भगवान ने मेरे साथ ऐसा क्यों किया ? तो जहाँ ये विचार आया नेगेटिव चिंतन, ये प्रतिकूल संकल्प हो गया, वहाँ पर शरणागति समाप्त। भगवान की कृपा पाने हेतु शरणागति अनिवार्य है। इसीलिए शरणागति का तात्पर्य जानना आवश्यक है। शरणागति की आवश्यकता क्योँ है ? उससे किस चीज़ की प्राप्ति होती है ? एवं शरणागत होने का क्या उपाय है ? 'शरणागति का रहस्य' नामक इस नई प्रवचन श्रृंखला में हम इन सब प्रश्नों का उत्तर समझेंगे ।