कलियुग का प्रारम्भ । श्रीमद् भागवत कथा 2/7
1 Hr 26 Min•Bhagavatam
कलियुग का प्रारम्भ - श्रीमद भागवतम भाग 2 अवधि : 87 मिनट श्रीमद भागवतम की द्वितीय श्रृंखला में, स्वामीजी भागवतम के श्रोता परीक्षित महाराज का परिचय देतें है। श्रीकृष्ण ने परीक्षित को गर्भ में अश्वत्थामा द्वारा छोड़े हुए ब्रह्मास्त्र के प्रहार से रक्षा की थी। आगे चल के परीक्षित को शमीक ऋषि का श्राप मिला। उसी श्राप के कारण परीक्षित की मृत्यु सात दिनों में निश्चित थी।सात दिनों में अपने जीवन के कल्याण हेतु परीक्षित ने शुकदेव महाराज के द्वारा अमर कथा का श्रवण किया। स्वामीजी महाभारत युद्ध के पश्चात एवं कलियुग के प्रारम्भ से पूर्व की घटनाओं, जैसे कि कौरवों की हार, भीष्म के शरीर का छोडना, अश्वत्थामा की परीक्षित को मारने का असफल प्रयास, शुकदेव से परीक्षित को भागवतम का रहस्योद्घाटन इत्यादि का वर्णन हैं। इस भाग में स्वामीजी ने धर्म के चार चरण—सत्य, तप, अहिंसा और स्वछता का वर्णन किया है। सत्युग में सभी चार उपस्थित हैं; परन्तु धीरे-धीरे कलियुग के प्रभाव से एक-एक कर के, धर्म के सभी चार चरणों का नाश हो जाता है। धर्म को एक बैल के पैरों तथा पृथ्वी को एक गाय के रूप में प्रस्तुत किया गया है। स्वामीजी द्वारा भारत के विभिन्न राज्यों में ऑक्टूबर से मार्च अनेक कार्यकर्मो जैसे कि, आध्यात्मिक प्रवचन शृंख्ला, भक्तियोग साधना शिविर, योग शिविर, इत्यादि का आयोजन किया जाता है | आप सभी कार्यकर्मो की अधिक जानकारी हमारे वेबसाइट से प्राप्त कर सकते है |
