श्री कृष्ण लीला । श्रीमद् भागवत कथा 6/7

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प्रस्तुत श्रीमद्भागवत महापुराण व्याख्यान श्रृंखला के छठी कड़ी में, स्वामी मुकुन्दानन्द, श्रीकृष्ण का अवतार, उनकी विभिन्न बाल लीलाएँ, जैसे की पूतना उद्धार, असुर बध, रास लीला आदि का विवेचन करतें है। इस भाग में स्वामीजी बताते हैं की श्रीकृष्ण ने ब्रज वासियों के साथ, कैसी-कैसी प्रेम भरी लीलायें की। कैसे श्रीकृष्ण ने इंद्रा पूजा का खंडन कर, गोवर्धन पर्वत और गो पूजा की विधि स्थापित की। ब्रज वासियों के भरण और पोषण का वास्तविक श्रोत गोवर्धन महाराज और गोमाता ही है, अपितु इन्ही को अपनी कृतज्ञता समर्पित कर, समाज में सभी के प्रति प्रेम और सद्भाव का सन्देश, श्रीकृष्ण ने गोवर्धन लीला के माध्यम से दिया। स्वामीजी द्वारा भारत के विभिन्न राज्यों में ऑक्टूबर से मार्च अनेक कार्यकर्मो जैसे कि, आध्यात्मिक प्रवचन शृंख्ला, भक्तियोग साधना शिविर, योग शिविर, इत्यादि का आयोजन किया जाता है | आप सभी कार्यकर्मो की अधिक जानकारी हमारे वेबसाइट से प्राप्त कर सकते है |