भगवत् कृपापात्र कैसे बनें ? | शरणागति का रहस्य - 3/28

7 MinSharanagati

भगवान की कृपा की वृष्टि हो रही है, सर्वत्र ! और हम उसी वृष्टि में खड़े हैं, और कृपा से हम वंचित हैं। तो, हम कहें साहब ये सब दोष उसका है। दोष यही है, कि हमारा पात्र गड़बड़ है, वो उल्टा पड़ा हुआ है। हमें उसको सीधा करना है, अर्थात भगवान के समर्पित, हमको होना होगा। भगवान की कृपा पाने हेतु शरणागति अनिवार्य है। इसीलिए शरणागति का तात्पर्य जानना आवश्यक है। शरणागति की आवश्यकता क्योँ है ? उससे किस चीज़ की प्राप्ति होती है ? एवं शरणागत होने का क्या उपाय है ? 'शरणागति का रहस्य' नामक इस नई प्रवचन श्रृंखला में हम इन सब प्रश्नों का उत्तर समझेंगे ।