ताड़का वध से लेकर सीता स्वयंवर तक की यात्रा । रामायण 13/38

10 MinRamayan

रामायण — कथा में कथा! इस अद्भुत प्रसंग में स्वामीजी बताते हैं कि कैसे भगवान श्रीराम, लक्ष्मण जी और महर्षि विश्वामित्र के साथ ताड़का का वध कर गौतम ऋषि के आश्रम तक पहुँचे। वहीं होती है एक अति रहस्यमय और भावपूर्ण घटना — अहिल्या उद्धार। एक पत्नी, एक श्राप, और एक वरदान... अहिल्या, जो इंद्र के छल का शिकार बनती हैं, पत्थर बन जाती हैं। लेकिन यह श्राप ही उन्हें भगवान श्रीराम के चरणों का स्पर्श दिलाता है — और यही बन जाता है उनका मोक्ष का कारण। अहिल्या के मुख से निकलते हैं ऋषियों की गूढ़ रहस्यमयी साधनाओं के रहस्य, और फिर श्रीराम आगे बढ़ते हैं — जनकपुरी की ओर, जहाँ होने वाला है सीता स्वयंवर। क्या भगवान को देखकर राजा जनक का हृदय क्यों विचलित हो गया? क्या श्रीराम कोई साधारण राजकुमार थे, या स्वयं ब्रह्म? इस कथा में छिपे हैं गहरे आध्यात्मिक रहस्य — अवश्य देखें। Ramayan — A story within stories! In this captivating episode, Swamiji narrates how Shree Ram, along with Lakshman and Sage Vishwamitra, slays the demoness Tadaka and reaches the deserted ashram of Sage Gautam. There unfolds the divine redemption of Ahilya, who was cursed to become a stone due to Indra’s deceit. But that very curse becomes a hidden blessing — as it brings her in contact with the Lotus Feet of Shree Ram, leading to her liberation. Before ascending to the divine realm, Ahilya reveals deep secrets of saintly wisdom — that even a curse by saints carries the seed of divine grace. The journey continues toward Mithila, where King Janak — a soul immersed in Brahman — is struck by Shree Ram's divine presence. Was it just attraction or a recognition of the Supreme? ✨ This episode is filled with spiritual symbolism and timeless truths — don’t miss it.
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ताड़का वध से लेकर सीता स्वयंवर तक की यात्रा । रामायण 13/38

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