1% से भी कम लोग जानते हैं ये रहस्य? आप ना करे इस गलती को।
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अक्सर लोग भगवान से प्रार्थना करते हैं हे भगवान मुझे धन दे दो या सुख दे दो या मेरे बच्चा हो जाए आदि आदि।
प्रभु हमारी इस इच्छा पर या इस मांग पर हंसते होंगे। दुनिया की सर्वोत्तम वस्तु यानी कि दिमाग एवं करने को हाथ पांव शरीर साधन आदि दे दिए फिर भी इंसान की अकर्मण्यता की आदत नहीं छूटी।
भगवान से माँगना नहीं चाहिए और अगर माँगना ही है तो माँगना आना चाहिए।
प्रहलादजी ने भगवान से माँगा:
“हे प्रभु मैं यह माँगता हूँ कि मेरी माँगने की इच्छा ही ख़त्म हो जाए।”
माँ कुंती ने भगवान से माँगा:
“हे प्रभु मुझे बार बार विपत्ति दो ताकि आपका स्मरण होता रहे।”
महाराज पृथु ने भगवान से माँगा:
“हे प्रभु मुझे दस हज़ार कान दीजिये ताकि में आपकी पावन लीला गुणानुवाद का अधिक से अधिक रसास्वादन कर सकूँ।”
और सुग्रीवजी तो बड़ा ही सुंदर कहते हैं:
“अब प्रभु कृपा करो एही भाँती।सब तजि भजन करौं दिन राती॥”
भगवान से माँगना दोष नहीं मगर साथ में क्या माँगना ये होश जरूर रहे।
तो हम भगवान से क्या माँगे और कैसे माँगे स्वामीजी प्रस्तुत विडीओ में बताते हैं।
