मरने के बाद क्या होता है ?
15 Min•Death
स्वामी मुकुंदानंद इस वीडियो में स्वयं की पहचान से हमें अवगत करवाते हैं। वह वीडियो के प्रारंभ में कहते हैं कि हम अपने को शरीर माने बैठे हैं तो शरीर के सुखों को अपने जीवन का लक्ष्य बना लिए हैं। लेकिन हम शरीर नहीं आत्मा हैं। आत्मा की उपस्थिति के कारण यह शरीर चैतन्य हैं। जिस दिन यह आत्मा शरीर से निकल गई यह शरीर पुनः मिट्टी में परिवर्तित हो जाएगा। हमारी भूल तो तब से आरंभ हुई जब से हम अपने को शरीर मान बैठें। जब हम लोगों से पूछते हैं कि आपका परिचय क्या है? लोग अपना नाम बताते हैं। कुछ लोग अपनी पदवी के बारे में बताते हैं कि मैं क्लर्क हूँ। अब अधिकांश लोग कहते हैं कि मैं गुजराती हूँ, मारवाड़ी हूँ इत्यादि। लेकिन आप तो आत्मा हैं। आपको बुद्धि द्वारा यह निश्चय करना होगा कि इस संसार में जो सुख आप चाहते हैं उसकी तृप्ति कभी नहीं होगी। जब आप अपने को भगवान का अंश मानेंगे तब भगवत्प्राप्ति को अपने जीवन का लक्ष्य बनाएँगे।
