जगन्नाथ रथयात्रा में श्री चैतन्य महाप्रभु । Jagannath Rath Yatra Special
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विश्वप्रसिद्ध प्राचीन उत्सव - जगन्नाथ, बलदेव एवं सुभद्रा की विराट रथयात्रा महोत्सव निकट ही है। समस्त संसार को रोमांचित करने वाली यह यात्रा, जिसमे अरबों संख्या में भक्त समूह अपने आराध्य, नीलांचल के भगवान, श्री जगन्नाथ महाप्रभु की जय जय कार करते हैं, यह प्रति वर्ष पुरी धाम में आयोजित होती है । स्वामी श्री मुकुन्दानन्द जी पिछले 40 वर्षों से श्री जगन्नाथ संस्कृति में भक्ति का प्रचार करते आ रहे हैं । उनके निसृत वाणी से आज हम भक्ति आंदोलन के नायक, श्री गौरांग महाप्रभु की 15वी शताब्दी की लीला को सुनेंगे। श्री चैतन्य महाप्रभ, जो साक्षात श्री राधा कृष्ण के सदृश हैं, वे जब अवतार लेकर आए, राधा भाव में भविभूत हो कृष्ण कृष्ण पुकार कर, अपने इष्टदेव की रथयात्रा में प्रथम बार सम्मिलित हुए । जब भगवान श्रीकृष्ण अपने मंदिर के गर्भगृह से निकल कर अपने निर्मल भक्तों को बहती कटाक्ष करने निकले हों, और उनके प्रिय भक्त वृंद उनका जय जय कार करते हुए, उनकी यात्रा कर रहे हों, इसका साक्षात दर्शन करने वाले कृतार्थ ही होंगे। आइए आज स्वामीजी के श्रीमुख से हम सब प्राचीन भक्ति उल्लास दृश्य का अवलोकन करें - जगन्नाथ रथयात्रा में श्री चैतन्य महाप्रभु वीडियो से।
