जीवन का कड़वा सच
6 Min•Death
हम कितना बटोरते हैं कितना एकठ्ठा करते हैं। साहब! मेरा तो अब २० साल का planning सब ठीक ठाक है। परिवार, गाड़ी, बंगला इत्यादि सब ठीक है। लेकिन जब जाते हैं, संसार से सब छोड़ के चले जाते हैं। एक दिन तो संसार को छोड़ना ही होगा। अभी आसक्ति को छोड़ दो और मन को हरि में लगा दो। क्योंकि साथ कुछ नहीं जाएगा।
