विष्णु और कृष्ण में क्या अंतर है ? Difference between Krishna and Vishnu
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इस वीडियो में स्वामीजी हमें बता रहे हैं कि भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को गीता में कहते हैं कि तू क्या करेगा अनेक प्रकार के ज्ञान सुनके बस इतना समझ ले कि अनंत ब्रह्मांडों को मैंने अपने एक बटे चार अंश में धारण किया हुआ है। यह एक बटे चार माया का जगत है, जहाँ मायाधीन जीव रहते हैं। भगवान के तीन बटे चार में उनके दिव्य लोक आते हैं। जिसमें गोलोक, वैकुंठ, साकेत इत्यादि लोक हैं। उसमें जो सर्वोच्च लोक है श्रीकृष्ण का गोलोक उसमें वह स्वयं अपने भक्तों के साथ अनंत प्रेम आनंद से
युक्त नित्य लीलाएँ करते हैं।
जहाँ भगवत्प्राप्त महापुरुष भगवान के साथ अंतरंग लीलाएँ करते हैं और उनकी सेवा करते हैं। साथ ही स्वामीजी हमें श्रीकृष्ण और उनके विभिन्न अवतारों के बारे में बताते हैं। वह हमें भगवान के साथ अपना संबंध जोड़ने का तरीका बताते हैं कि हम उनके अंश हैं इसीलिए भक्ति की पहली सीढ़ी है कि आप चिंतन करें वह मेरे हैं और मैं उनका हूँ। यह चिंतन जितना प्रगाढ़ होगा उतना ही उनसे हमारा प्रेम बढ़ेगा। यह चिंतन करने के साथ ही फोकस में लाने के लिए उनके स्वरूप को सामने लायें।
