मन के धोखे से कैसे बचें | शरणागति का रहस्य - 10/28
10 Min•Sharanagati
ये संसार को हमें एक दिन छोड़ना ही होगा। जब कोई मरता है, तो लोग क्या कहते हैं ? ये नगर सेठ, अरबपति जी, अपने साथ कितना ले गए ? नहीं, नहीं।
लोग यही कहते हैं, कि वो अरबपति, क्या छोड़ के गया ? उत्तर है, सभी कुछ छोड़ के गया ! साथ में तो कुछ गया ही नहीं। क्यों ? क्योंकि ये सब हमारा था ही नहीं। हम लोग खाली हाथ आए थे। तो ये धारणा, ये भावना, अपने अन्दर बनाना, स्थापित करना, की मैं जो सोच रहा हूँ, मेरा, मेरा, मेरा, ये मेरी भ्रान्ति है।
भगवान की कृपा पाने हेतु शरणागति अनिवार्य है। इसीलिए शरणागति का तात्पर्य जानना आवश्यक है। शरणागति की आवश्यकता क्योँ है ? उससे किस चीज़ की प्राप्ति होती है ? एवं शरणागत होने का क्या उपाय है ? 'शरणागति का रहस्य' नामक इस नई प्रवचन श्रृंखला में हम इन सब प्रश्नों का उत्तर समझेंगे ।
