मन की अद्भुत शक्ति | शरणागति का रहस्य - 26/28
9 Min•Sharanagati
स्वयं के नित्य आत्म स्वरूप को जानने पर हम भगवान को अपना वास्तविक सम्बन्धी मानने लगेंगे। अगर हमारे मन का संयोग, शरीर और इन्द्रियों के कार्यों में न हो, तो उन कार्यों का महत्त्व नहीं होता। मन ही बंधन और मोक्ष का कारण है।इसलिए भगवान को पाने के लिए हमें मन को ही शरणागत करना होगा। मात्र शरीर से शरणागति का कोई महत्त्व नहीं है।
भगवान की कृपा पाने हेतु शरणागति अनिवार्य है। इसीलिए शरणागति का तात्पर्य जानना आवश्यक है। शरणागति की आवश्यकता क्योँ है, उससे किस चीज़ की प्राप्ति होती है एवं शरणागत होने का क्या उपाय है, 'शरणागति का रहस्य' नामक इस नई प्रवचन श्रृंखला में हम इन सब प्रश्नों का उत्तर समझेंगे ।
